Samvidha Karmi Permanent: संविदा शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने 4,669 संविदा शिक्षकों को परमानेंट करने का फैसला कर लिया है। यह घोषणा नवरात्रि से पहले की गई है, जिसे शिक्षक एक बड़े तोहफे के रूप में देख रहे हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस ऐलान के साथ हजारों शिक्षकों को दीर्घकालिक राहत प्रदान की है।
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शिक्षकों के लिए बड़ी सौगात
असम के मुख्यमंत्री ने इस फैसले को शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि इससे शिक्षकों की सेवाएं स्थिर होंगी और उनकी नौकरी की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। अब तक संविदा पर काम कर रहे ये शिक्षक, जो हाई स्कूलों में अंग्रेजी, गणित और सामान्य विज्ञान जैसे विषय पढ़ाते थे, उन्हें अब स्थायी शिक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इससे शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा के स्तर में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है।
2010 से संविदा पर कार्यरत शिक्षक अब होंगे स्थायी
गौरतलब है कि 2010 में असम की कांग्रेस सरकार ने हाई स्कूलों में विभिन्न विषयों को पढ़ाने के लिए लगभग 8,000 संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की थी। समय के साथ कुछ शिक्षकों ने यह नौकरी छोड़ दी, और फिलहाल 4,669 शिक्षक ही संविदा पदों पर कार्यरत हैं। अब इन सभी को परमानेंट कर दिया जाएगा। इस फैसले से शिक्षकों को अब स्थायी नौकरी की सुरक्षा मिलेगी, जिससे उन्हें भविष्य के लिए चिंतामुक्त होने का मौका मिलेगा।
सुविधाओं में होगा इजाफा
यह भी बताया गया है कि इन शिक्षकों की सेवाएं अब 60 वर्ष की उम्र तक बढ़ा दी गई हैं, और उन्हें नियमित शिक्षकों के समान कई सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। राज्य में पहले संविदा शिक्षकों को केवल 8,000 रुपये प्रति महीने का वेतन मिलता था, लेकिन सरकार ने इसे बाद में बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रति महीने कर दिया गया है। अब जब ये शिक्षक स्थायी हो गए हैं, तो उन्हें वेतन के साथ अन्य लाभ भी मिलेंगे।
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि इससे पहले भी भाजपा सरकार ने राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 25,000 शिक्षकों की सेवाओं को नियमित किया था। अब उच्च विद्यालयों के शिक्षकों के लिए यह निर्णय लिया गया है, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में भी सुधार आएगा।
शिक्षकों में खुशी की लहर
सरकार के इस ऐलान के बाद पूरे राज्य में संविदा शिक्षकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। सभी शिक्षक इस फैसले को अपने लिए एक बड़े तोहफे के रूप में देख रहे हैं, खासकर नवरात्रि से ठीक पहले मिली इस खुशखबरी ने उन्हें और भी प्रसन्न कर दिया है।
संविदा शिक्षक लंबे समय से स्थायी नियुक्ति की मांग कर रहे थे, और अब यह मांग पूरी हो गई है। इस फैसले से हजारों शिक्षकों और उनके परिवारों को राहत मिली है, और राज्य के शिक्षा क्षेत्र में भी एक नई उम्मीद जगी है।
असम सरकार का शिक्षा के प्रति रुख
असम सरकार का यह कदम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह शिक्षा क्षेत्र में सुधार और शिक्षकों की स्थिति को मजबूत करने के प्रति गंभीर है। संविदा से स्थायी नियुक्ति तक का सफर इन शिक्षकों के लिए आसान नहीं रहा, लेकिन अब उन्हें अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त महसूस करने का मौका मिला है।
असम सरकार के इस फैसले से शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा, और साथ ही शिक्षक भी अपने काम को और बेहतर ढंग से करने के लिए प्रेरित होंगे।
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