IND vs BAN: भारत और बांग्लादेश के बीच चेन्नई टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में गेंदबाजों ने बांग्लादेश को पहली पारी में सिर्फ 149 रन पर ढेर कर दिया। भारत ने अपनी पहली पारी में 376 रन बनाए थे, जिससे उन्हें 227 रनों की विशाल बढ़त मिली। इतने बड़े स्कोर के बाद भारतीय टीम के पास बांग्लादेश को फॉलोऑन देने का विकल्प था, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने इसके बजाय फिर से बैटिंग करने का फैसला किया। अब सवाल उठता है कि रोहित ने ऐसा क्यों किया?
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भारत ने क्यों नहीं दिया बांग्लादेश को फॉलोऑन?
जब किसी टीम को फॉलोऑन का विकल्प मिलता है, तो कई बार ऐसा सोचा जाता है कि उस टीम को जल्दी आउट करके मैच समाप्त कर दिया जाए। लेकिन रोहित शर्मा ने ऐसा क्यों नहीं किया? इसका एकमात्र बड़ा कारण तेज गेंदबाजों का वर्कलोड और उन्हें चोट से बचाना है। चेन्नई की गर्मी और पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार है, लेकिन लगातार दो पारियों में गेंदबाजी कराना तेज गेंदबाजों के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पहले ही काफी मेहनत कर चुके थे, और लगातार दूसरी पारी में गेंदबाजी करने से उनके चोटिल होने का खतरा बढ़ सकता था।
आने वाले टेस्ट मैचों को ध्यान में रखते हुए
टीम इंडिया को इस सीजन में अभी 9 और टेस्ट मैच खेलने हैं, जिनमें 5 टेस्ट ऑस्ट्रेलिया दौरे पर और 3 न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर हैं। ऐसे में तेज गेंदबाजों की फिटनेस बेहद महत्वपूर्ण है। मोहम्मद शमी पहले से ही चोटिल हैं, और अगर बुमराह या सिराज को भी चोट लग जाती है, तो भारतीय टीम को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रोहित शर्मा का यह निर्णय इसलिए भी सही था, ताकि गेंदबाजों को आराम मिल सके और आने वाले मुकाबलों में वे पूरी तरह से तैयार रहें।
कप्तान रोहित शर्मा की रणनीति की तारीफ बनती है
यह फैसला निश्चित रूप से सोच-समझकर लिया गया था। क्रिकेट में कप्तान के फैसलों का बहुत महत्व होता है, और यहां रोहित शर्मा ने अपने खिलाड़ियों की फिटनेस को प्राथमिकता दी। टेस्ट मैच एक लंबा खेल होता है, जहां खिलाड़ियों की ऊर्जा और फिटनेस की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। रोहित का यह फैसला दिखाता है कि वह न केवल इस मैच के बारे में सोच रहे थे, बल्कि आने वाले बड़े मुकाबलों की भी तैयारी कर रहे थे।
भारत की दूसरी पारी में शुरुआत धीमी
दूसरी पारी में भारतीय टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। कप्तान रोहित शर्मा (5) और यशस्वी जायसवाल (10) जल्दी पवेलियन लौट गए, जिससे भारतीय टीम 28 रनों पर दो विकेट खो चुकी थी। इसके बाद शुभमन गिल और विराट कोहली ने मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की और तीसरे विकेट के लिए 39 रनों की साझेदारी की। हालांकि, कोहली 17 रन बनाकर मेहदी हसन मिराज की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। शुभमन गिल (33) और ऋषभ पंत (12) क्रीज पर टिके हुए हैं।
क्यों यह फैसला था समझदारी भरा?
अगर रोहित शर्मा बांग्लादेश को फॉलोऑन दे देते, तो हो सकता था कि बांग्लादेश की टीम जल्दी आउट हो जाती और मैच खत्म हो जाता। लेकिन इससे तेज गेंदबाजों पर ज्यादा दबाव आ सकता था। इसके बजाय बैटिंग करने से गेंदबाजों को आराम मिला और बल्लेबाजों को क्रीज पर और समय बिताने का मौका मिला, जो आने वाले मैचों के लिए उनकी फॉर्म को बनाए रखने में मददगार हो सकता है।
रोहित शर्मा का यह फैसला पूरी तरह से टीम की भलाई को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। तेज गेंदबाजों का वर्कलोड, उनके चोटिल होने का खतरा और आगामी महत्वपूर्ण टेस्ट मैचों को ध्यान में रखते हुए, बैटिंग का फैसला एक समझदारी भरा कदम था। इससे न केवल गेंदबाजों को आराम मिला, बल्कि बल्लेबाजों को भी अभ्यास का समय मिला। इस फैसले से यह साफ हो जाता है कि कप्तान रोहित शर्मा सिर्फ वर्तमान मैच पर नहीं, बल्कि पूरी सीरीज और आने वाले बड़े मुकाबलों पर नजर रख रहे हैं।
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