गेहूं की यह किस्म देगी 24 क्विंटल प्रति एकड़ का बंपर उत्पादन, कब और कैसे करे बुआई यहां जाने Wheat New Variety

Wheat New Variety: गेहूं की खेती में अगर आप बेहतर पैदावार चाहते हैं, तो गेहूं की उन्नत किस्मों का चुनाव करना बेहद जरूरी होता है। इसी दिशा में एचडी 3086 (Wheat HD 3086 Variety) किस्म ने किसानों के बीच अच्छी खासी पहचान बना ली है। यह किस्म पिछले कुछ सालों से किसान भाइयों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो रही है, जिससे अच्छी पैदावार के साथ मुनाफा भी हो रहा है। आइए जानते हैं इस खास किस्म के बारे में और इसे कब और कैसे उगाया जाए।

एचडी 3086 गेहूं किस्म की जानकारी

एचडी 3086 जिसे पूसा गौतमी के नाम से भी जाना जाता है, एक उन्नत गेहूं की किस्म है। इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों ने वर्ष 2020 में विकसित किया था। खास बात यह है कि यह किस्म विशेष रूप से उत्तर भारत के किसानों के लिए तैयार की गई है, जहां गेहूं का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इसकी खेती के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य उपयुक्त माने जाते हैं।

पैदावार और उपज क्षमता

गेहूं की इस उन्नत किस्म से प्रति हेक्टेयर अधिक पैदावार ली जा सकती है। सामान्य परिस्थितियों में उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में इसकी औसत पैदावार 54.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, जबकि कुछ मामलों में इसे 81 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक भी प्राप्त किया जा सकता है। उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में यह 50.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की औसत उपज देती है और इसकी अधिकतम उपज 61 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकती है। इसका मतलब है कि एचडी 3086 गेहूं की किस्म से अच्छी फसल प्राप्त कर किसान मुनाफा कमा सकते हैं।

कब करें बुवाई

गेहूं की इस किस्म को समय पर बोना बेहद महत्वपूर्ण है। उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में एचडी 3086 गेहूं 145 दिनों में पक कर तैयार हो जाता है, जबकि उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में यह 121 दिनों में तैयार हो जाता है। इसका सही समय पर पकना यह सुनिश्चित करता है कि किसान समय पर फसल काट सकें और अगली फसल की तैयारी कर सकें।

रोग प्रतिरोधक क्षमता

किसान भाइयों के लिए यह जानना जरूरी है कि एचडी 3086 किस्म में पीले और भूरे रतुए जैसी बीमारियों से लड़ने की अच्छी क्षमता है। यह रोग प्रतिरोधकता फसल को नुकसान से बचाकर उपज में वृद्धि करती है। इससे फसल पर बीमारियों का प्रभाव कम होता है और किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

खेती और बुवाई की विधि

यह किस्म विशेष रूप से सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त मानी जाती है। यदि समय पर इसकी बुवाई की जाए और सही तरीके से सिंचाई की जाए, तो पैदावार में अच्छा इजाफा देखने को मिलता है। आधुनिक तकनीकों और तरीकों का उपयोग कर किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। यह किस्म उन किसानों के लिए भी फायदेमंद है, जो व्यापारिक उद्देश्यों से गेहूं की खेती करते हैं, क्योंकि इससे प्राप्त फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है।

किसानों के बीच लोकप्रियता

उत्तर भारत के किसानों के बीच एचडी 3086 गेहूं की किस्म तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसकी उच्च उपज क्षमता, समय पर पकने की अवधि और रोग प्रतिरोधकता जैसे गुण इसे एक बेहतर विकल्प बनाते हैं। कई किसान इस किस्म की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं और यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में इस किस्म की मांग और भी बढ़ेगी।

किसान भाइयों के लिए एचडी 3086 गेहूं की किस्म एक बेहतरीन विकल्प है, जो न केवल अधिक उपज देती है बल्कि बीमारियों से भी सुरक्षित रहती है। समय पर बुवाई और सिंचित क्षेत्रों में इसकी खेती करने से किसान अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और व्यापारिक उद्देश्यों के लिए भी यह किस्म बेहद लाभदायक साबित हो सकती है। ऐसे में, यदि आप गेहूं की खेती से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो एचडी 3086 गेहूं की किस्म को जरूर अपनाएं।

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