Petrol Price Down: पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 75 डॉलर प्रति बैरल के नीचे बनी हुई हैं, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संभावित कमी की अटकलें बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो अगले कुछ हफ्तों में फ्यूल के दामों में राहत मिल सकती है।
एक ताजा रिपोर्ट में सीएलएसए (CLSA) ने संकेत दिए हैं कि 5 अक्टूबर के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी हो सकती है। यह कच्चे तेल की गिरती कीमतों के अलावा महाराष्ट्र राज्य में होने वाले चुनावों से भी जुड़ा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र चुनाव के पहले बीजेपी गठबंधन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती की घोषणा कर सकता है, जिससे आम जनता को राहत मिल सके।
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फ्यूल की कीमतों में कमी की उम्मीद
कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इसके अलावा चुनावी मौसम में सरकार के लिए यह कदम फायदेमंद साबित हो सकता है। सीएलएसए की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य के चुनाव के चलते बीजेपी गठबंधन इस मौके को भुनाने के लिए फ्यूल के दामों में कमी का एलान कर सकता है।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ने की संभावना
रिपोर्ट में एक और अहम बिंदु उठाया गया है कि अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की जाती है, तो सरकार एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी कर सकती है। फिलहाल केंद्र सरकार पेट्रोल पर 19.8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.8 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। सीएलएसए का मानना है कि सरकार के पास ड्यूटी बढ़ाने का अच्छा अवसर है, जिससे उसके राजस्व में बढ़ोतरी हो सके। अगर एक्साइज ड्यूटी में 1 रुपये प्रति लीटर की भी बढ़त होती है, तो सरकार को इससे सालाना करीब 16,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फायदा होगा।
तेल कंपनियों पर पड़ेगा असर
पिछले कुछ समय में तेल की कीमतों में आई गिरावट से सरकारी और निजी तेल कंपनियों को अच्छा खासा मुनाफा हुआ है। सीएलएसए की रिपोर्ट के मुताबिक, इन कंपनियों का मार्केटिंग मार्जिन डीजल पर 13 रुपये और पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। लेकिन अगर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की जाती है और साथ ही एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी होती है, तो कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कच्चे तेल की कीमतों में किसी भी तरह की तेजी से कंपनियों पर दबाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
सरकार और जनता के लिए फायदेमंद हो सकता है फैसला
अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी होती है, तो इसका सीधा फायदा आम जनता को मिलेगा। इससे देशभर में महंगाई पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकेगा और जनता की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होगा। इसके अलावा, सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर अपने राजस्व को भी बढ़ा सकती है, जिससे उसे आर्थिक मजबूती मिलेगी।
कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट और महाराष्ट्र चुनाव से पहले सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के दाम घटाने का फैसला आने वाले समय में देखे जाने की उम्मीद है। हालांकि, इसके साथ एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की संभावना भी बनी हुई है, जिससे तेल कंपनियों पर कुछ असर पड़ सकता है। लेकिन आम जनता के लिए यह खबर राहतभरी हो सकती है, खासकर तब, जब वे लंबे समय से बढ़ती महंगाई का सामना कर रहे हैं।
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