मध्य प्रदेश के किसान ध्यान दें! नरवाई जलाने पर अब मिलेगी कड़ी सज़ा। जानें कैसे खेत में आग लगाने से रुक सकती है आपकी PM किसान सम्मान निधि (MP Narwai kisan samman nidhi) और MSP पर फसल खरीदी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
भोपाल: मध्य प्रदेश के अन्नदाता किसानों के लिए एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है। अगर आप भी फसल कटाई के बाद खेत में बची हुई नरवाई (पराली) को जलाते हैं, तो अब सावधान हो जाइए! राज्य की डॉ. मोहन यादव सरकार ने इस मुद्दे पर बेहद कड़ा रुख अपना लिया है। गुरुवार को हुई राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो नरवाई जलाने वाले किसानों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है।
क्या है सरकार का नया और सख़्त फैसला?
सीधे शब्दों में कहें तो, अब अगर मध्य प्रदेश का कोई भी किसान अपने खेत में नरवाई जलाते हुए पाया गया, तो उसे दो बड़े आर्थिक नुकसान झेलने पड़ेंगे:
- PM किसान सम्मान निधि बंद: केंद्र सरकार द्वारा किसानों को सालाना दिए जाने वाले ₹6000 की सम्मान निधि (MP Narwai kisan samman nidhi) रोक दी जाएगी। यानी, नरवाई जलाने वाले किसानों को यह महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी।
- MSP पर खरीदी नहीं: सरकार ऐसे किसानों से उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं खरीदेगी। यह किसानों के लिए एक और बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि MSP पर खरीदी न होने से उन्हें अपनी फसल खुले बाजार में कम दामों पर बेचने को मजबूर होना पड़ सकता है।
यह कड़ा फैसला 1 मई 2024 से पूरे मध्य प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नरवाई जलाने की घटनाओं को सख्ती से रोका जाए।
आखिर नरवाई जलाने पर इतनी सख्ती क्यों?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बैठक में कहा कि मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है, लेकिन फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने की बढ़ती घटनाओं से हमारे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। इसके कई दुष्परिणाम हैं:
- वायु प्रदूषण: नरवाई जलाने से भारी मात्रा में धुआं और हानिकारक गैसें निकलती हैं, जिससे हवा जहरीली होती है और लोगों को सांस संबंधी बीमारियां होती हैं।
- मिट्टी की उर्वरता खत्म: खेत में आग लगाने से जमीन की ऊपरी सतह पर मौजूद महत्वपूर्ण पोषक तत्व (जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और जैविक कार्बन) जलकर नष्ट हो जाते हैं। इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम होती जाती है।
- मित्र कीटों का नाश: आग लगने से मिट्टी में रहने वाले केंचुए और अन्य मित्र कीट भी मर जाते हैं, जो खेती के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
- मिट्टी का कटाव: मिट्टी के जैविक तत्व नष्ट होने से उसकी संरचना कमजोर होती है और वह हवा या पानी से आसानी से कटकर बह जाती है।
इन्हीं गंभीर नुकसानों को देखते हुए राज्य सरकार पहले भी नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा चुकी है, लेकिन अब इसे और सख्ती से लागू करने और किसानों को हतोत्साहित करने के लिए MP Narwai kisan samman nidhi और MSP खरीदी को रोकने जैसा बड़ा कदम उठाया गया है।
सिर्फ जुर्माना नहीं, FIR भी होगी दर्ज!
सरकार इस मामले में कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में भोपाल में नरवाई जलाने वाले 4 किसानों पर न केवल कुल ₹37,500 का जुर्माना लगाया गया, बल्कि उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है। अब नए नियम लागू होने के बाद कार्रवाई और तेज होने की संभावना है। किसानों को समझना होगा कि नरवाई जलाना अब सिर्फ एक छोटी गलती नहीं, बल्कि एक गंभीर अपराध माना जाएगा, जिसका सीधा असर उनकी MP Narwai kisan samman nidhi और फसल की बिक्री पर पड़ेगा।
राजस्व विभाग की बैठक में CM के अन्य निर्देश
नरवाई जलाने पर सख्ती के अलावा, मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की बैठक में कई और महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए:
- अतिक्रमण हटाओ अभियान: सरकारी जमीनों, कुओं, बावड़ियों, तालाबों और गांवों के सार्वजनिक रास्तों से अवैध कब्जे हटाने के लिए विशेष और सख्त अभियान चलाने को कहा गया है।
- जल गंगा संवर्धन अभियान: प्रदेश में चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत सभी तालाबों, बांधों, नहरों और अन्य जल स्रोतों के संरक्षण पर जोर दिया गया। सीएम ने निर्देश दिए कि इन सभी जल संरचनाओं को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए और उन्हें पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त रखा जाए।
- राजस्व प्रकरणों का निपटारा: सीएम ने नामांतरण, बंटवारा, नक्शा सुधार जैसे राजस्व संबंधी लंबित मामलों को समय सीमा में निपटाने के निर्देश दिए। बताया गया कि साइबर तहसील के माध्यम से लाखों मामलों का निपटारा किया जा चुका है और पेंडेंसी को जल्द खत्म करने पर जोर दिया गया।
किसानों के लिए संदेश
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम स्पष्ट संदेश देता है कि पर्यावरण संरक्षण और मिट्टी की सेहत अब सर्वोच्च प्राथमिकता है। नरवाई जलाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह खुद किसानों के लिए भी लंबे समय में नुकसानदायक है। बेहतर होगा कि किसान नरवाई जलाने के बजाय उसे खेत में मिलाने या अन्य वैकल्पिक तरीकों (जैसे रोटावेटर का उपयोग, डीकंपोजर का छिड़काव) को अपनाएं। इससे न केवल वे MP Narwai kisan samman nidhi और MSP खरीदी जैसी सुविधाओं से वंचित होने से बचेंगे, बल्कि अपनी जमीन की उर्वरता और पर्यावरण को भी सुरक्षित रख पाएंगे। यह फैसला MP Narwai kisan samman nidhi पर सीधा असर डालेगा, इसलिए इसे गंभीरता से लेना जरूरी है। याद रखें, 1 मई से नियम लागू हो रहे हैं, इसलिए नरवाई जलाने से बचें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते रहें। नरवाई प्रबंधन के सही तरीके अपनाकर किसान MP Narwai kisan samman nidhi की राशि भी बचा सकते हैं और पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान दे सकते हैं। सरकार का यह कदम MP Narwai kisan samman nidhi को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने की एक कोशिश है।